भारत-मध्य एशिया संवाद 2025: वित्तीय सहयोग और आतंकवाद विरोध पर जोर

6 जून 2025 को नई दिल्ली में आयोजित चौथे भारत-मध्य एशिया संवाद के दौरान, भारत और मध्य एशिया के पांच देशों ने द्विपक्षीय वित्तीय संपर्क को बढ़ाने तथा आतंकवाद के खिलाफ अपनी एकजुटता दोहराने पर सहमति जताई।

वित्तीय एकीकरण और डिजिटल भुगतान प्रणाली पर सहमति
भारत और भागीदार मध्य एशियाई देशों ने आपसी बैंकिंग संबंधों को मजबूत करने, व्यापार के लिए राष्ट्रीय मुद्राओं का उपयोग बढ़ाने तथा निवेश, पर्यटन और अन्य क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने हेतु डिजिटल भुगतान तंत्र विकसित करने पर सहमति व्यक्त की।

संयुक्त कार्य समूह के गठन का स्वागत
वित्तीय और बैंकिंग सहयोग को बढ़ावा देने के लिए एक संयुक्त कार्य समूह की स्थापना का सुझाव दिया गया, जिसे सभी देशों ने सकारात्मक रूप में लिया और इसका स्वागत किया।

सम्मेलन में भाग लेने वाले देश
भारत के विदेश मंत्री की अध्यक्षता में हुई इस बैठक में कजाकिस्तान, किर्गिज गणराज्य, ताजिकिस्तान, तुर्कमेनिस्तान और उज्बेकिस्तान के प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया।

आतंकवाद की कठोर आलोचना और अंतरराष्ट्रीय कार्रवाई की मांग
सभी मंत्रियों ने पहलगाम में हुए आतंकी हमले की कड़ी भर्त्सना करते हुए वैश्विक आतंकवाद के विरुद्ध संगठित प्रयासों की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने संयुक्त राष्ट्र व्यापक आतंकवाद विरोधी अभिसमय को शीघ्र अपनाने की मांग की।

वैश्विक आतंकवाद विरोधी रणनीतियों के क्रियान्वयन की अपील
बैठक में यह स्पष्ट किया गया कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्तावों, एफएटीएफ मानकों और संयुक्त राष्ट्र की वैश्विक आतंकवाद निरोधक नीति का कठोर अनुपालन आवश्यक है।

कनेक्टिविटी और क्षेत्रीय संपर्क को प्राथमिकता
सभी देशों ने अंतर्राष्ट्रीय उत्तर-दक्षिण परिवहन गलियारे (INSTC) की संभावनाओं की सराहना करते हुए इसे क्षेत्रीय व्यापार और संपर्क सुधार का एक प्रभावी साधन माना।

कनेक्टिविटी परियोजनाओं के सिद्धांतों पर सहमति
बैठक में यह सहमति बनी कि संपर्क से जुड़ी परियोजनाओं को पारदर्शी, समावेशी तथा स्थानीय आवश्यकताओं और आर्थिक व्यवहारिकता के अनुरूप बनाया जाना चाहिए।

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