स्वास्थ्य कर: एक वैश्विक नीति पहल की ओर निर्णायक कदम

स्वास्थ्य कर: एक वैश्विक नीति पहल की ओर निर्णायक कदम

भूमिका

तेजी से बढ़ती जीवनशैली संबंधी बीमारियाँ (NCDs) आज न केवल स्वास्थ्य संकट हैं, बल्कि वैश्विक अर्थव्यवस्था पर भी बोझ बन चुकी हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) का मानना है कि इस महामारी से निपटने के लिए स्वास्थ्य कर (Health Tax) एक प्रभावी एवं लागत-कुशल रणनीति है। इसी संदर्भ में एक नई वैश्विक पहल शुरू की गई है, जिसका लक्ष्य तंबाकू, शराब और शर्करा युक्त पेय पदार्थों की कीमतों को अगले 10 वर्षों में कम से कम 50% तक बढ़ाना है।


 क्या है स्वास्थ्य कर?

स्वास्थ्य कर उन उत्पादों पर लगाया जाने वाला कर है जो सार्वजनिक स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव डालते हैं — जैसे तंबाकू, शराब और शर्करा युक्त पेय पदार्थ। इसका उद्देश्य इन उत्पादों के उपभोग को घटाकर जनसंख्या को मोटापा, हृदय रोग, मधुमेह आदि जैसे गैर-संचारी रोगों (NCDs) से बचाना है।

WHO का दृष्टिकोण: स्वास्थ्य कर NCDs से निपटने का सबसे लागत-प्रभावी तरीका है।


 इस पहल का उद्देश्य और कार्यपद्धति

  • अगले 10 वर्षों में इन उत्पादों की कीमतों में 50% की वृद्धि करना।

  • $1 ट्रिलियन का अतिरिक्त सार्वजनिक राजस्व जुटाना।

  • यह एक साझेदारी मॉडल होगा जिसमें नागरिक समाज, शैक्षणिक संस्थान, विकास साझेदार और सरकारें शामिल होंगी।

  • इस गठबंधन का संचालन सहयोगात्मक और बहु-हितधारक दृष्टिकोण से किया जाएगा।


 स्वास्थ्य कर की आवश्यकता क्यों?

 स्वास्थ्य प्रभाव

  • तंबाकू, शराब और शर्करा युक्त पेय पदार्थ NCDs महामारी के मुख्य कारण हैं।

  • यह बीमारियाँ वैश्विक स्तर पर 75% से अधिक मौतों के लिए जिम्मेदार हैं।

 आर्थिक प्रभाव

  • इन उत्पादों से जुड़े स्वास्थ्य प्रभावों के कारण इलाज पर दीर्घकालिक खर्च बढ़ते हैं।

  • वर्ष 2012 में वैश्विक अर्थव्यवस्था को इससे $1.4 ट्रिलियन का नुकसान हुआ।

 राजस्व सृजन

  • यदि इन पर 50% कर लगाया जाए, तो अगले 5 वर्षों में $3.7 ट्रिलियन (प्रति वर्ष लगभग $740 बिलियन) राजस्व उत्पन्न हो सकता है, जो वैश्विक GDP का 0.75% होगा।

 सामाजिक समानता

  • NCDs का सबसे अधिक प्रभाव गरीब और निम्न-आय वर्ग पर होता है।

  • स्वास्थ्य कर असमानताओं को कम करने की दिशा में भी कारगर सिद्ध हो सकता है।


 भारत में उठाए गए कदम

✅ कर संरचना

  • वातित पेय पदार्थों पर 28% GST और 12% क्षतिपूर्ति उपकर

  • HFSS (High Fat, Sugar & Salt) उत्पादों पर 12% GST

✅ नियामक सुधार

  • FSSAI ने ट्रांस फैटी एसिड की सीमा को खाद्य तेलों और वसा में 2% तक सीमित किया है।

  • इन उपायों से अस्वास्थ्यकर खाद्य उत्पादों पर प्रभावी नियंत्रण का प्रयास हो रहा है।


 निष्कर्ष

स्वास्थ्य कर नीति सिर्फ एक कर नीति नहीं बल्कि एक स्वास्थ्य-संरक्षण रणनीति है, जो दीर्घकालिक रूप से आर्थिक लाभ और सामाजिक भलाई दोनों सुनिश्चित करती है। भारत सहित समूचे विश्व को यह समझने की आवश्यकता है कि तंबाकू, शराब और शर्करा युक्त उत्पादों के सीमित उपभोग से न केवल सार्वजनिक स्वास्थ्य में सुधार होगा, बल्कि यह आर्थिक उत्पादकता और सामाजिक समानता को भी बढ़ावा देगा। इस तरह की वैश्विक पहलें सार्वजनिक नीति, स्वास्थ्य और कर व्यवस्था के समन्वय का आदर्श उदाहरण प्रस्तुत करती हैं।

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"Lakshya IAS"

Lakshya IAS

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