भारतीय नौसेना और ब्रिटेन की रॉयल नेवी ने भारत के पश्चिमी तट पर द्विपक्षीय सैन्य अभ्यास ‘कोंकण-25’ (KONKAN-25) प्रारंभ किया है। यह अभ्यास दोनों देशों की नौसेनाओं के बीच बढ़ती अंतर-संचालन क्षमता (Interoperability) और रणनीतिक सहयोग का प्रतीक है।
सैन्य अभ्यास ‘कोंकण’ की शुरुआत वर्ष 2004 में हुई थी।
यह एक वार्षिक द्विपक्षीय समुद्री अभ्यास (Annual Bilateral Maritime Exercise) है, जो हर वर्ष दोनों देशों के बीच समुद्री सुरक्षा सहयोग को सुदृढ़ करता है।
पहली बार इस संस्करण में दोनों देशों के Carrier Strike Groups भाग ले रहे हैं —
ब्रिटेन का HMS Prince of Wales,
भारत का INS Vikrant।
यह अभ्यास दो चरणों में आयोजित है:
Port Phase (बंदरगाह चरण): पेशेवर आदान-प्रदान, योजना, और जहाज यात्राएँ।
Sea Phase (समुद्री चरण):
विमान-रोधी (Anti-Air),
सतह-रोधी (Anti-Surface),
एंटी-सबमरीन (Anti-Submarine) अभ्यास।
India–UK Vision 2035 के तहत रणनीतिक साझेदारी को गहरा करना।
एक स्वतंत्र, खुला और सुरक्षित हिंद-प्रशांत (Free, Open, and Secure Indo-Pacific) क्षेत्र के प्रति साझा प्रतिबद्धता को सुदृढ़ करना।
भारत और ब्रिटेन के बीच रक्षा सहयोग (Defence Cooperation) को नई दिशा देता है।
अंतर-संचालन क्षमता को बढ़ाता है और साझा समुद्री सुरक्षा प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
HMS Prince of Wales और INS Vikrant की भागीदारी, दोनों देशों की नौसैनिक शक्ति और पारस्परिक विश्वास को प्रदर्शित करती है।
क्षेत्र | अभ्यास का नाम | भाग लेने वाली सेनाएँ |
---|---|---|
वायु सेना | Cobra Warrior (कोबरा वॉरियर) | भारतीय वायु सेना – रॉयल एयर फोर्स |
थल सेना | Ajeya Warrior (अजेय वॉरियर) | भारतीय सेना – ब्रिटिश सेना |
वायु रक्षा / इंटरऑपरेबिलिटी | Indradhanush (इंद्रधनुष) | वायु सेना अभ्यास |
पहला आयोजन: 2004
स्थान: भारत का पश्चिमी तट
प्रतिभागी: INS Vikrant, HMS Prince of Wales
फोकस: Anti-Air, Anti-Surface, Anti-Submarine Operations
उद्देश्य: Vision 2035 के तहत सहयोग बढ़ाना
प्रतीक: Indo-Pacific Maritime Security Commitment
Lakshya IAS